Welcome to Shri Rameshwar Das |Inter College, NewajGanj, Barabanki
img02

WELCOME TO Shri Rameshwar Das Inter College

Our Overview

Shri Rameshwar Das Inter College has established and is making rapid progress in enhancing its potential and changing its outlook towards providing better resources required to impart the best all round quality education laced with morality. It gives Shri Rameshwar Das Inter College within its short span has established itself as a top class institute.

  • Providing quality education with a zest for learning.
  • Broadening mental horizons and creating a deeper awareness of the self and total environment.
  • Channelising youthful energy towards the environment and society with a positive and friendly attitude.

Our motto is " Tamso Maa Jyotirgmay " this is the core of the development of the contents of moral and value educationin the school. However, adequate emphasis is laid on building strong character based on humanitarian values and good social habits.

Principal Message

महन्त श्री हरिनाम दास

किसी राष्‍ट्र या समाज की उन्‍नति उसके ना‍गरिकों की नैतिक, सामाजिक एवं आध्‍यात्मिक प्रगति पर निर्भर करती है। और इन गुणों का विकास उस देश या समाज की शिक्षा व्‍यवस्था पर निर्भर करता है।
आजादी के पश्चात हमारे देश में भी इसके लिए सरकारी व गैर सरकारी संगठनों द्वारा निरन्‍तर प्रयास किया जा रहा है, कि हमारे देश की भावी-पीढ़ी शिक्षित, सुखी व सम्‍पन्‍य हो सके। य‍ह संस्था “श्री रामेश्‍वर दास इण्‍टर कॉलेज, नेवाजगंज बाराबंकी” परम् पूज्‍य महंत स्‍व. श्री रामेश्‍वर दास की प्रेरणा से वर्ष- १६६१ में स्‍थापित होकर इसी ओर एक सफल प्रमाणित प्रयास है, जो निरन्‍तर प्र‍गतिशील रहकर आपकी भावी-पीढ़ी का सर्वांगीण विकास करने के लिए कृत संकल्‍प है।

Principal Message

Mr. R. S. Verma (PRINCIPAL)

B. Sc. (Bio), P.G.D. (R.D.), B.Ed

किसी व्‍यक्ति समाज या राष्‍ट्र की उन्‍नति उसकी शिक्षा व्‍यवस्था पर निर्भर करती हैं। शिक्षा ही मनुष्‍य को अन्‍य सभी जीवों से श्रेष्ठ बनाती है। उत्‍कृष्‍ट शिक्षा व्‍यवस्‍था मानव को महा-मनाव तथा इसके विपरीत खराब शिक्षा व्‍यवस्‍था मानव को दानव बना देती है। अर्थात शिक्षा ही मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ लौकिक जीवन को सुखी समृद्ध एवं सफल बनाने में सक्षम हैं।
वर्तमान परिस्थियों में गुणवत्‍ता परक शिक्षा हमारे राष्‍ट्र के समक्ष एक चुनौती है, क्‍योकि आज समाज केवल परिणाम के पीछे भाग रहा है और प्राय: शिक्षा से केवल भौतिक रूप में आर्थिक सम्‍पन्‍नता ही खोज रहा है, जबकि शिक्षा का उद्देश्‍य सर्वांगीण विकास के लक्ष्‍य को अर्थात शारीरिक, मानसिक , आध्‍यात्मिक , चारित्रिक विकास आदि का भूलता जा रहा है। जिससे निरन्‍तर कठिनाइयाँ नये-नये रूप में प्रकट हो रही है। पाश्‍चात्‍य सभ्‍यता का अंधानुकरण भी हमारी सांस्‍कृतिक विरासत को अत्‍यधिक हानि पहुँचा रहा है। इस कारण जीवन का पहिया डगमगा रहा है। अत: शिक्षा को केवल रोजगार पाने की विधा न मानकर सम्‍पूर्ण जीवन का समायोजित करके स्‍वयं तथा मानवता के कल्‍याण का साधन मानते हुए 'सा विद्या या विमुक्‍तयें’ के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने का माध्‍यम समझने की आवश्‍यकता है।
सौभाग्‍य से हमारा विद्यायल/कालेज इन नवीन अपेक्षाओं के अनुरूप अपने दायित्‍व के निर्वाह के प्रति कटिबद्ध है, तथा इन दायित्‍वों की पूर्ति के लिए प्रयासरत है। कालेज के प्रबन्‍धक श्रद्धेय महन्‍त श्री हरिनाम दास जी इसके लिए निरंतर प्रयासरत है। कालेज का यह वर्तमान स्‍वरूप इस बात का साक्षी है, एवं सीमित समय में अर्जित उपलब्धियाँ उल्‍लेखनीय हैं।
यहाँ वर्तमान में लगभग 1500 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है।